संगीतकार: आनंद-मिलिंद
गीतकार: समीर
गायक/गायिका: मुहम्मद अज़ीज़
ऐ मेरे दौस्त लौट के आजा
बिन तेरे ज़िन्दगी अधूरी है
आ के तो देख मेरी हालत को
बिन तेरे हर खुशी अधूरी है
ऐ मेरे दौस्त लौट के आजा…
बन के हमदर्द मेरा हमसाया
तू मेरी ज़िन्दगी में आया था
प्यार अपनों से भी ज़्यादा किया मुझे तूने
लोग कहते हैं तू पराया था
ऐ मेरे दौस्त लौट के आजा…
मेरे दिल से यही दुआ निकले
तू जहां भी रहे खुशहाल रहे
भूल के भी ना भूला पाऊं मैं तुझे हमदम
हर घड़ी बस तेरा ख्याल रहे
ऐ मेरे दौस्त लौट के आजा…
याद आते हैं जब करम तेरे
मेरी आंखों से अश्क बहते हैं
तेरे अहसानों का बदला मैं चुकाऊं कैसे
बहते आंसू ये मुझसे कहते हैं
ऐ मेरे दौस्त लौट के आजा…
Just a wonderful tribute to Mohd Aziz
ReplyDeletev. - very nice
ReplyDeleteSuper se bhi upper
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